सत्यापन के अभाव में बेसिक, माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन नहीं
परिषदीय एवं माध्यमिक विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों को प्रमाण पत्रों के सत्यापन के अभाव में वेतन मिलने में देरी हो रही है। बेसिक शिक्षा परिषद से अक्तूबर में नौकरी पाने वाले 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा बोर्ड से चयनित टीजीटी, प्रवक्ता शिक्षकों प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं होने से देरी हो रही है। परिषदीय विद्यालयों एबं माध्यमिक विद्यालयों में नौकरी कर रहे कुछ शिक्षकों ने व्यक्तिगत प्रयास से प्रमाण पत्रों का सत्यापन करवा लिया है, जबकि अधिकांश शिक्षक अभी विभाग की लेट लतीफी के शिकार हैं।
परिषदीय एवं माध्यमिक विद्यालयों में नौकरी पाने वाले शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए यूपी बोर्ड सहित दूसरे परीक्षा बोर्ड की ओर से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है जबकि प्रदेश के कुछ विश्वविद्यालयों की ओर से सत्यापन के लिए शुल्क लगा दिए जाने से नियुक्ति प्राधिकारियों की ओर से अभ्यर्थियों से सत्यापन शुल्क की मांग की जा रही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से प्रवक्ता एवं टीजीटी की नौकरी पाए अभ्यर्थियों से प्रदेश सरकार की ओर से निर्देश जारी कर विश्वविद्यालयों को ओर से लिए जाने वाले सत्यपन शुल्क जमा करने का निर्देश दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से सत्यापन शुल्क की मांग करने का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने विरोध किया है।